सपनो की दुनीया में खोने से असलियत बदल तो नही जाती,
शब्दों को खूबसूरती से संजोने से हकीकत बदल तो नही जाती,
नए रिश्तों के जुड़ने से पुराने रिश्तों की एहमियत बदल तो नही जाती,
ज़िन्दगी बदल जाती है, लोग बदल जाते है पर
हमारी शख्शियत बदल तो नही जाती । । ।
Tuesday, July 7, 2009
बदल तो नही जाती
Posted by Rashmi Jain at 7:21 PM 5 comments
Wednesday, May 20, 2009
दर्द
दवा देने वाले ही दर्द देकर चले गये ,
क्या दोष दें,
किसे समझाए अब ,
जब साथ देने वाले ही , अफ़सोस जताकर चले गये । ।Posted by Rashmi Jain at 3:36 AM 0 comments
Thursday, May 7, 2009
For a friend.....
नम आंखों से मुस्कुराना कोई आप से सीखे,
हमारी दिल की आरजू ये लिख बैठी,
प्यार क्या, दोस्ती निभाना भी कोई आप से सीखे...
Posted by Rashmi Jain at 7:00 PM 1 comments
Wednesday, April 1, 2009
अनजान
उन अश्को को मोती नही पानी समझ लेना ,
उस कल को याद नही कहानी समझ लेना ,
भूल कर जो सामना हो जाए कभी ,
जान कर भी अनजानी समझ लेना ….
Posted by Rashmi Jain at 6:18 PM 12 comments
Tuesday, March 24, 2009
ये नासमझ मन
दूर से चमकीली रेत भी पानी नज़र आती है,
मुरझाएं गुलाब की पत्तिया भी भीनी खुशबु छोड़ जाती है ।
रिश्तें छूट जातें है, नाते टूट जातें है,
पर उनकी याद हमेशा दिल में रह जाती है ।
आगे बढ़कर पीछे मुड़ना मेरी फितरत नही ,
फिर क्यों उस कल को सामने देख आँखे नम हो जाती है ।
शायद वो गम नही वो खुशिया याद आ जाती है ।
इसी कशमकश में क्या याद रखु क्या भूलू हर रात बीत जाती है ।
सुबह के सन्नाटें में चिडिया की चहचाहट फिर एक उम्मीद जगाती है ,
कल की मुस्कराहट को याद कर ,उस दर्द को भूल जा , अपने आज को सवार , आनेवाले कल के लिए नई यादों को सजा, यही अक्ल दोहराती है ,
पर इस नासमझ मनन की हलचल का क्या करू , जो फिर मुझे उस बीतें कल में छोड़ आती है ।**
Posted by Rashmi Jain at 3:00 AM 0 comments